मस्लहत के हज़ार पर्दे हैं By Sher << ज़र्रे में गुम हज़ार सहरा शायद तुम भी अब न मुझे पहच... >> मस्लहत के हज़ार पर्दे हैं मेरे चेहरे पे कितने चेहरे हैं Share on: