मस्तों में फूट पड़ गई आते ही यार के By Sher << तौक़-ए-बदन उतार के फेंका ... मेरा शैतान मर गया शायद >> मस्तों में फूट पड़ गई आते ही यार के लड़ता है आज शीशे से शीशा शराब का Share on: