तौक़-ए-बदन उतार के फेंका ज़मीं से दूर By Sher << नज़र-ए-तग़ाफ़ुल-ए-यार का ... मस्तों में फूट पड़ गई आते... >> तौक़-ए-बदन उतार के फेंका ज़मीं से दूर दुनिया के साथ चलने से इंकार कर दिया Share on: