मौसम का ज़ुल्म सहते हैं किस ख़ामुशी के साथ By Sher << शहर की भीड़ में शामिल है ... हम को इस की क्या ख़बर गुल... >> मौसम का ज़ुल्म सहते हैं किस ख़ामुशी के साथ तुम पत्थरों से तर्ज़-ए-शकेबाई माँग लो Share on: