मय-कशी में रखते हैं हम मशरब-ए-दुर्द-ए-शराब By Sher << मैं 'हसरत' मुज्तह... खेलें आपस में परी-चेहरा ज... >> मय-कशी में रखते हैं हम मशरब-ए-दुर्द-ए-शराब जाम-ए-मय चलता जहाँ देखा वहाँ पर जम गए Share on: