'मीर' बंदों से काम कब निकला By Sher << तू ख़िज़ाँ में जो सैर को ... रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद >> 'मीर' बंदों से काम कब निकला माँगना है जो कुछ ख़ुदा से माँग Share on: