रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद By Sher << तू ख़िज़ाँ में जो सैर को ... किसी दुश्मन का कोई तीर न ... >> रहने दे अपनी बंदगी ज़ाहिद बे-मोहब्बत ख़ुदा नहीं मिलता Share on: