मेरे मिलने से जो यूँ हाथ उठा-बैठा तू By Sher << नमक भर कर मिरे ज़ख़्मों म... ज़रा छुआ था कि बस पेड़ आ ... >> मेरे मिलने से जो यूँ हाथ उठा-बैठा तू नहीं मालूम कि दिल में तिरे क्या बैठ गया Share on: