मेरे उस के दरमियाँ हाइल कई कोहसार हैं By Sher << न जाने कैसा मसीहा था चाहत... अदा हुआ है जो इक लफ़्ज़ ब... >> मेरे उस के दरमियाँ हाइल कई कोहसार हैं मुझ तक आते-आते बादल तिश्ना-लब हो जाएगा Share on: