मेरी आँखों में अनोखे जुर्म की तज्वीज़ थी By Sher << माँ ख़्वाब में आ कर ये बत... हज़ार बार ज़माना इधर से ग... >> मेरी आँखों में अनोखे जुर्म की तज्वीज़ थी सिर्फ़ देखा था उसे उस का बदन मैला हुआ Share on: