हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है By Sher << मेरी आँखों में अनोखे जुर्... ज़ुल्म तो बे-ज़बान है लेक... >> हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी Share on: