मिज़ाज अलग सही हम दोनों क्यूँ अलग हों कि हैं By Sher << क़लम सिफ़त में पस-अज़-मरा... हम गदा-ए-दर-ए-मय-ख़ाना है... >> मिज़ाज अलग सही हम दोनों क्यूँ अलग हों कि हैं सराब ओ आब में पोशीदा क़ुर्बतें क्या क्या Share on: