क़लम सिफ़त में पस-अज़-मरातिब बदन सना में तिरी खपाया By Sher << जब बिगड़ते हैं बात बात पे... मिज़ाज अलग सही हम दोनों क... >> क़लम सिफ़त में पस-अज़-मरातिब बदन सना में तिरी खपाया बदन ज़बाँ में ज़बाँ सुख़न में सुख़न सना में तिरी खपाया Share on: