मिरा अकेला ख़ुदा याद आ रहा है मुझे By Sher << मैं राह-ए-इश्क़ के हर पेच... ज़ुल्फ़-ए-पुर-पेच के सौदे... >> मिरा अकेला ख़ुदा याद आ रहा है मुझे ये सोचता हुआ गिरजा बुला रहा है मुझे Share on: