ज़ुल्फ़-ए-पुर-पेच के सौदे में अजब क्या इम्काँ By Sher << मिरा अकेला ख़ुदा याद आ रह... 'ग़ालिब' ओ 'म... >> ज़ुल्फ़-ए-पुर-पेच के सौदे में अजब क्या इम्काँ गर उलझ जाए ख़रीदार ख़रीदार के साथ Share on: