मिरे एहसास के आतिश-फ़िशाँ का By Sher << दिल में सौ तीर तराज़ू हुए... शहर के अंधेरे को इक चराग़... >> मिरे एहसास के आतिश-फ़िशाँ का अगर हो तो मिरे दिल तक धुआँ हो Share on: