मिरे इस अव्वलीं अश्क-ए-मोहब्बत पर नज़र कर By Sher << मुझे भी अपना दिल-ए-रफ़्ता... मौत की एक अलामत है अगर दे... >> मिरे इस अव्वलीं अश्क-ए-मोहब्बत पर नज़र कर ये मोती सीप में फिर उम्र-भर आता नहीं है Share on: