मिरी चाहतों में ग़ुरूर हो दिल-ए-ना-तवाँ में सुरूर हो By Sher << मैं इतनी रौशनी फैला चुका ... शाम प्यारी शाम उस पर भी क... >> मिरी चाहतों में ग़ुरूर हो दिल-ए-ना-तवाँ में सुरूर हो तुम्हें अब के खाना है वो क़सम कि फ़रेब में भी यक़ीन हो let there be pride in my loves and intoxication in my frail heart this time you must take that vow so we may believe in deceit too Share on: