'ग़ालिब' अपना ये अक़ीदा है ब-क़ौल-ए-'नासिख़' By Sher << मैं बिस्तर-ए-ख़याल पे लेट... मुद्दतें हो गईं 'फ़रा... >> 'ग़ालिब' अपना ये अक़ीदा है ब-क़ौल-ए-'नासिख़' आप बे-बहरा है जो मो'तक़िद-ए-'मीर' नहीं Share on: