सादिक़ हूँ अपने क़ौल का 'ग़ालिब' ख़ुदा गवाह By Sher << कहते हो एक-आध की है मेरे ... सूरत तो इब्तिदा से तिरी ल... >> सादिक़ हूँ अपने क़ौल का 'ग़ालिब' ख़ुदा गवाह कहता हूँ सच कि झूट की आदत नहीं मुझे Share on: