सूरत तो इब्तिदा से तिरी ला-जवाब थी By Sher << सादिक़ हूँ अपने क़ौल का &... कहिए जो झूट तो हम होते है... >> सूरत तो इब्तिदा से तिरी ला-जवाब थी नाज़-ओ-अदा ने और तरह-दार कर दिया Share on: