आश्ना कोई नज़र आता नहीं याँ ऐ 'हवस' By Sher << फिर हुआ ऐसे कि मुझ को दर-... अगर वो करने पे आता तो कुछ... >> आश्ना कोई नज़र आता नहीं याँ ऐ 'हवस' किस को मैं अपना अनीस-ए-कुंज-ए-तन्हाई करूँ Share on: