मिस्ल-ए-मजनूँ जो परेशाँ है बयाबान में आज By Sher << फिर आई फ़स्ल कि मानिंद बर... भलाई ये कि आज़ादी से उल्फ... >> मिस्ल-ए-मजनूँ जो परेशाँ है बयाबान में आज क्यूँ दिला कौन समाया है तिरे ध्यान में आज Share on: