मोहब्बत ज़ुल्फ़ का आसेब जादू है निगाहों का By Sher << जिस्म में ख़्वाहिश न थी ए... आज बार-ए-गोश है मेरी सदा ... >> मोहब्बत ज़ुल्फ़ का आसेब जादू है निगाहों का मोहब्बत फ़ित्ना-ए-महशर बला-ए-ना-गहानी है Share on: