मोहब्बत सुल्ह भी पैकार भी है By Sher << सर-ज़मीन-ए-हिंद पर अक़्वा... कब ये दिल ओ दिमाग़ है मिन... >> मोहब्बत सुल्ह भी पैकार भी है ये शाख़-ए-गुल भी है तलवार भी है Share on: