मोहब्बतों के हसीं बाब से ज़रा आगे By Sher << जब कि पहरा है तीं लिबास ज... दिखा था ख़्वाब में रोता ह... >> मोहब्बतों के हसीं बाब से ज़रा आगे किताब-ए-ज़ीस्त में मिलता है गुमरही का वरक़ Share on: