मोहतसिब तस्बीह के दानों पे ये गिनता रहा By Sher << जला कर ज़ाहिदों को मय-कशो... शेख़ को जन्नत मुबारक हम क... >> मोहतसिब तस्बीह के दानों पे ये गिनता रहा किन ने पी किन ने न पी किन किन के आगे जाम था Share on: