शेख़ को जन्नत मुबारक हम को दोज़ख़ है क़ुबूल By Sher << मोहतसिब तस्बीह के दानों प... क़दम उठे भी नहीं बज़्म-ए-... >> शेख़ को जन्नत मुबारक हम को दोज़ख़ है क़ुबूल फ़िक्र-ए-उक़्बा वो करें हम ख़िदमत-ए-दुनिया करें Share on: