तीर ओ कमान आप भी 'मोहसिन' सँभालिये By Sher << किस किस की ज़बाँ रोकने जा... ज़िक्र-ए-अस्लाफ़ से बेहतर... >> तीर ओ कमान आप भी 'मोहसिन' सँभालिये जब दोस्ती की आड़ में ख़ंजर दिखाई दे Share on: