मुद्दत से रही फ़र्श तिरी राहगुज़र में By Sher << इश्क़ भी क्या चीज़ है सहल... मैं ने देखी है अमीर-ए-शहर... >> मुद्दत से रही फ़र्श तिरी राहगुज़र में तब जा के सितारों से कहीं आँख लड़ी है Share on: