मुफ़्लिसी हिस्स-ए-लताफ़त को मिटा देती है By Sher << मैं सवा शेर के कुछ और समझ... मैं निगाह-ए-पाक से देखे थ... >> मुफ़्लिसी हिस्स-ए-लताफ़त को मिटा देती है भूक आदाब के साँचों में नहीं ढल सकती Share on: