मुझ जैसे दरवेश तुम्हारी दुनिया में By Sher << सैलाब-ए-तबस्सुम से दरमान-... ज़िंदगी हो तो कई काम निकल... >> मुझ जैसे दरवेश तुम्हारी दुनिया में मरने की ख़्वाहिश में ज़िंदा रहते हैं Share on: