मुझ सा अंजान किसी मोड़ पे खो सकता है By Sher << फिर उस की याद ने दस्तक दि... मैं कहाँ और कहाँ शाएरी मै... >> मुझ सा अंजान किसी मोड़ पे खो सकता है हादसा कोई भी इस शहर में हो सकता है Share on: