मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है By ज़िंदगी, ग़म, ख़ुशी, Sher << हमेशा ख़ून-ए-दिल रोया हूँ... हर्फ़ आने न दिया इश्क़ की... >> मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है Share on: