मुझे तो इस दर्जा वक़्त-ए-रुख़्सत सुकूँ की तल्क़ीन कर रहे हो By Sher << भूल जाना नहीं गुनाह उसे अल्लाह रे ज़ौक़-ए-दश्त-नव... >> मुझे तो इस दर्जा वक़्त-ए-रुख़्सत सुकूँ की तल्क़ीन कर रहे हो मगर कुछ अपने लिए भी सोचा मैं याद आया तो क्या करोगे Share on: