अल्लाह रे ज़ौक़-ए-दश्त-नवर्दी कि बाद-ए-मर्ग By Sher << मुझे तो इस दर्जा वक़्त-ए-... इमसाल फ़स्ल-ए-गुल में वो ... >> अल्लाह रे ज़ौक़-ए-दश्त-नवर्दी कि बाद-ए-मर्ग हिलते हैं ख़ुद-ब-ख़ुद मिरे अंदर कफ़न के पाँव Share on: