मुझे तो रंज क़बा-ए-हा-ए-तार-तार का है By Sher << रविश रविश पे चमन के बुझे ... अजीब बात है दिन भर के एहत... >> मुझे तो रंज क़बा-हा-ए-तार-तार का है ख़िज़ाँ से बढ़ के गुलों पर सितम बहार का है Share on: