रविश रविश पे चमन के बुझे बुझे मंज़र By Sher << 'शौकत' हमारे साथ ... मुझे तो रंज क़बा-ए-हा-ए-त... >> रविश रविश पे चमन के बुझे बुझे मंज़र ये कह रहे हैं यहाँ से बहार गुज़री है Share on: