मुझ से काफ़िर को तिरे इश्क़ ने यूँ शरमाया By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... उदासी मुस्कुराती है मियाँ... >> मुझ से काफ़िर को तिरे इश्क़ ने यूँ शरमाया दिल तुझे देख के धड़का तो ख़ुदा याद आया Share on: