मुख़्तार हैं वो लिक्खें न लिक्खें जवाब-ए-ख़त By Sher << रिंदान-ए-इश्क़ छुट गए मज़... क्या कहें क्या क्या किया ... >> मुख़्तार हैं वो लिक्खें न लिक्खें जवाब-ए-ख़त साहब को रोज़ अपना अरीज़ा रिपोर्ट है Share on: