मुल्क-ए-अदम से दहर के मातम-कदे के बीच By Sher << है रोज़-ए-पंज-शम्बा तू फ़... तीरगी ही तीरगी हद्द-ए-नज़... >> मुल्क-ए-अदम से दहर के मातम-कदे के बीच आया न कौन कौन कि रोना न रो गया Share on: