कोई तो है 'मुनीर' जिसे फ़िक्र है मिरी By Sher << मुझे रोकेगा तू ऐ नाख़ुदा ... तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़... >> कोई तो है 'मुनीर' जिसे फ़िक्र है मिरी ये जान कर अजीब सी हैरत हुई मुझे Share on: