मैं तो 'मुनीर' आईने में ख़ुद को तक कर हैरान हुआ By Sher << रोज़-ए-हिसाब जब मिरा पेश ... याँ लब पे लाख लाख सुख़न इ... >> मैं तो 'मुनीर' आईने में ख़ुद को तक कर हैरान हुआ ये चेहरा कुछ और तरह था पहले किसी ज़माने में Share on: