मुसाफ़िरत का वलवला सियाहतों का मश्ग़ला By सफ़र, Sher << मुश्किल ही से कर लेती है ... मुबहम थे सब नुक़ूश नक़ाबो... >> मुसाफ़िरत का वलवला सियाहतों का मश्ग़ला जो तुम में कुछ ज़ियादा है सफ़र करो सफ़र करो Share on: