ऐ 'मुस्हफ़ी' सद-शुक्र हुआ वस्ल मयस्सर By Sher << क़दमों में साए की तरह रौं... वो आग लगी पान चबाए से कसू... >> ऐ 'मुस्हफ़ी' सद-शुक्र हुआ वस्ल मयस्सर इफ़्तार किया रोज़े में उस लब के रोतब से Share on: