मुस्कुरा कर देख लेते हो मुझे By Sher << गर्दिश-ए-चर्ख़ नहीं कम भी... ये किरन कहीं मिरे दिल में... >> मुस्कुरा कर देख लेते हो मुझे इस तरह क्या हक़ अदा हो जाएगा Share on: