मुस्कुराना कभी न रास आया By मुस्कुराहट, Sher << हैं पत्थरों की ज़द पे तुम... किसी ने ख़्वाब में आकर मु... >> मुस्कुराना कभी न रास आया हर हँसी एक वारदात बनी Share on: