मुट्ठी से जिस तरह कोई जुगनू निकल पड़े By Sher << किसे फ़ुर्सत कि फ़र्ज़-ए-... चमन में शब को घिरा अब्र-ए... >> मुट्ठी से जिस तरह कोई जुगनू निकल पड़े देखा उसे तो आँख से आँसू निकल पड़े Share on: