न बज़्म अपनी न अपना साक़ी न शीशा अपना न जाम अपना By Sher << उस से कुछ ख़ास तअल्लुक़ भ... यादों ने ले लिया मुझे अपन... >> न बज़्म अपनी न अपना साक़ी न शीशा अपना न जाम अपना अगर यही है निज़ाम-ए-हस्ती तो ज़िंदगी को सलाम अपना Share on: