यादों ने ले लिया मुझे अपने हिसार में By Sher << न बज़्म अपनी न अपना साक़ी... कुछ ग़ज़लें उन ज़ुल्फ़ों ... >> यादों ने ले लिया मुझे अपने हिसार में मेरा वजूद हाफ़िज़ा बन कर सुकड़ गया Share on: